
आयकर रिटर्न (ITR) भरना हर करदाता के लिए
आवश्यक है, लेकिन यदि इसे गलत तरीके से भरा जाए, तो आयकर विभाग से
नोटिस और पेनल्टी का सामना करना पड़ सकता है। इस लेख के माध्यम
से हम जानेंगे कि गलतियाँ कौन-कौन सी होती हैं, इनसे कैसे बचें, और यदि गलती हो
जाए तो उसे कैसे सुधारें।
1. ITR भरते समय होने वाली आम गलतियाँ
1.1 गलत ITR
फॉर्म का चयन
समस्या: बहुत से लोग अपनी आय के
अनुसार सही ITR फॉर्म का चयन नहीं करते, जिससे रिटर्न रिजेक्ट हो सकता है।
उदाहरण: यदि किसी व्यक्ति की
फ्रीलांसिंग आय है,
तो उसे ITR-4 भरना चाहिए, लेकिन वह ITR-1 भर देता है, तो यह गलत
होगा।
समाधान: आयकर विभाग की ITR फॉर्म चयन गाइड देखें और अपनी आय के अनुसार सही फॉर्म भरें।
1.2 आय के सभी स्रोतों को न दिखाना
समस्या: कुछ करदाता सिर्फ अपनी
सैलरी दिखाते हैं और अन्य स्रोतों से हुई आय जैसे बैंक ब्याज, किराया, कैपिटल गेन, फ्रीलांस आय आदि को छोड़
देते हैं। इससे आयकर विभाग से नोटिस आ सकता है।
समाधान:
- AIS (Annual Information
Statement) और फॉर्म 26AS डाउनलोड करें और सुनिश्चित करें कि सभी आय स्रोत शामिल
हैं।
- यदि कोई आय छूट गई है, तो संशोधित रिटर्न (Revised Return) दाखिल करें।
1.3 गलत TDS
क्लेम करना
समस्या: कुछ लोग गलती से अधिक TDS क्लेम कर लेते
हैं या ITR में उसे क्लेम करना भूल जाते हैं। इससे रिफंड अटक सकता है या
अतिरिक्त टैक्स देना पड़ सकता है।
समाधान:
- फॉर्म 26AS, AIS और TIS (Taxpayer Information Summary) से मिलान करें।
- यदि गलती हो गई हो, तो संशोधित रिटर्न (Revised Return) दाखिल करें।
1.4 बैंक अकाउंट डिटेल में गलती
समस्या: यदि बैंक अकाउंट नंबर या IFSC कोड गलत भरा
गया, तो रिफंड नहीं मिलेगा।
समाधान:
- ITR भरते समय बैंक डिटेल्स को दोबारा जांचें।
- बैंक अकाउंट को प्री-वैलिडेट करें।
1.5 गलत छूट (Deduction) और छूटे हुए डिडक्शन
समस्या: कुछ लोग गलत छूट क्लेम कर
लेते हैं या वैध डिडक्शन जैसे 80C, 80D, HRA आदि को छोड़ देते
हैं।
समाधान:
- ITR फाइल करने से पहले सभी निवेश और खर्चों की जाँच करें।
- यदि गलती हो गई है, तो संशोधित रिटर्न भरें।
2. गलत ITR
भरने पर नोटिस और पेनल्टी के कारण
अगर आपने ITR में गलती की है, तो आयकर विभाग से धारा 143(1),
139(9), 148, या 270A के तहत नोटिस आ सकता है।
इसके मुख्य कारण हैं:
1. गलत ITR
फॉर्म भरना।
2. आय छुपाना या गलत जानकारी देना।
3. TDS क्लेम में गड़बड़ी।
4. गलत बैंक डिटेल देना।
5. गलत डिडक्शन या टैक्स छूट क्लेम करना।
6. ITR समय पर न भरना।
पेनल्टी (Penalty) और ब्याज (Interest) के नियम
- सेक्शन 234A: देरी से रिटर्न भरने
पर ब्याज लगेगा।
- सेक्शन 234B और 234C: एडवांस टैक्स न भरने
पर ब्याज लगेगा।
- सेक्शन 270A: गलत जानकारी देने पर 50% से 200% तक पेनल्टी लग सकती
है।
3. ITR में गलती सुधारने के उपाय
3.1 संशोधित रिटर्न (Revised Return) कैसे दाखिल करें?
अगर ITR में कोई गलती हो गई हो, तो आप धारा 139(5) के तहत Revised
Return दाखिल कर सकते हैं।
- समय सीमा: असेसमेंट
ईयर के अंत तक।
- कैसे फाइल करें?
1. इनकम टैक्स वेबसाइट पर लॉग इन करें।
2. "e-File" सेक्शन में जाएं और Revised
Return का ऑप्शन चुनें।
3. पुरानी ITR का Acknowledgment Number डालें और सही जानकारी भरें।
4. नया रिटर्न सबमिट करें।
3.2 रेक्टिफिकेशन (Rectification) कैसे करें?
अगर आयकर विभाग द्वारा गणना में गलती हुई हो, तो धारा 154
के तहत Rectification Request डाल सकते हैं।
- समय सीमा: AO द्वारा ऑर्डर जारी
होने के 4 साल के भीतर।
- कैसे फाइल करें?
1. इनकम टैक्स वेबसाइट पर लॉग इन करें।
2. "Services" में जाएं और Rectification
Request चुनें।
3. सही जानकारी भरें और सबमिट करें।
4. नई और पुरानी कर व्यवस्था का चुनाव
सरकार ने दो कर व्यवस्थाएँ दी हैं:
1. पुरानी कर व्यवस्था – इसमें 80C, HRA, Home Loan Interest जैसी छूट मिलती है।
2. नई कर व्यवस्था – इसमें टैक्स स्लैब कम हैं लेकिन कोई छूट नहीं मिलती।
कौन सी चुनें?
- यदि आपके पास अधिक डिडक्शन हैं, तो पुरानी व्यवस्था चुनें।
- यदि डिडक्शन कम हैं, तो नई कर व्यवस्था फायदेमंद होगी।
- टैक्स कैलकुलेटर का उपयोग करें और तुलना करें।
5. गलतियों से बचने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
1. ITR भरने से पहले AIS और 26AS स्टेटमेंट जरूर देखें।
2. सही ITR
फॉर्म का चुनाव करें।
3. बैंक डिटेल, PAN, और Aadhaar की सही जानकारी भरें।
4. रिटर्न समय पर दाखिल करें, जिससे ब्याज और पेनल्टी से
बचा जा सके।
5. सभी आय स्रोतों को सही-सही रिपोर्ट करें।
6. अगर गलती हो जाए, तो तुरंत Revised Return या Rectification करें।
निष्कर्ष
गलत ITR भरने से न केवल आयकर नोटिस और पेनल्टी का सामना करना पड़ सकता है, बल्कि आपको अतिरिक्त टैक्स, ब्याज और कानूनी जटिलताओं का भी खतरा रहता है। सही फॉर्म का चयन, सभी आय स्रोतों का समावेश और कर भुगतान की सटीक जानकारी देना बेहद जरूरी है। अगर गलती हो जाए, तो संशोधित रिटर्न (Revised Return) या रेक्टिफिकेशन (Rectification) का सही समय पर उपयोग करें। हमारे द्वारा दी गई जानकारी को अपनाकर आप त्रुटिरहित ITR दाखिल कर सकते हैं और भविष्य की किसी भी परेशानी से बच सकते हैं।
स्मार्ट करदाता बनें और अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग को मजबूत करें!
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*** अस्वीकरण: इस लेख में व्यक्त विचार लेखक के निजी हैं और gyanpublication.com
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